मध्यप्रदेश के सतना जिले के मझगवां क्षेत्र में पदस्थ पटवारी श्यामले सिंह को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई तब हुई जब पटवारी श्यामले सिंह शराब के नशे में आधिकारिक बैठक में पहुंचे और अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती। इस घटना के बाद प्रशासन ने अनुशासनहीनता पर कड़ा रुख अपनाते हुए तुरंत निलंबन का आदेश जारी कर दिया।
प्रशासन की सख्ती और कार्रवाई के पीछे की वजह
सूत्रों के मुताबिक, मझगवां क्षेत्र में सरकारी कार्यों में लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैया पहले भी देखा गया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा की गई इस कार्रवाई का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों में अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई हो। इससे पहले, देवरी मझगवां राजस्व निरीक्षक मंडल के पटवारी रामलाल गोंटिया को कूटरचित और भ्रामक जानकारी प्रस्तुत करने के आरोप में निलंबित किया गया था।
सरकारी कार्यों में लापरवाही पर प्रशासन की सख्त निगरानी
पटवारी श्यामले सिंह का निलंबन प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है कि राजस्व और सरकारी कार्यों में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।इससे पहले भी, मझगवां क्षेत्र में कई शिकायतें प्रशासन को मिल रही थीं, जिसमें पटवारियों पर भूमि रिकॉर्ड में अनियमितता, कार्यों में देरी और भ्रष्टाचार के आरोप थे। इन सभी घटनाओं को देखते हुए, प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है और ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई की नीति अपनाई है।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
इस निलंबन के बाद, स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का समर्थन किया है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों को जनता की सेवा में तत्पर रहना चाहिए और किसी भी तरह की लापरवाही या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।कुछ नागरिकों ने यह भी कहा कि यदि प्रशासन इसी तरह अनुशासन बनाए रखता है तो सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता और जवाबदेही बेहतर होगी।
भविष्य में प्रशासन की योजना
जिला प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अब से सभी राजस्व अधिकारियों और पटवारियों की नियमित समीक्षा की जाएगी। यदि कोई भी कर्मचारी अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।