MP news: भोपाल के एसबाग क्षेत्र में बन रहे 90° एंगल वाले रेलवे ओवरबिज निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कड़ा रुख अपनाया है उन्होंने इस मामले में लोक निर्माण विभाग के आठ इंजीनियरों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं
मुख्यमंत्री ने किया एक्स पर पोस्ट
शनिवार रात मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि उन्होंने इस मामले का संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिए थे जांच रिपोर्ट के आधार पर दो चीफ इंजीनियर सहित सात इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया जबकि एक सेवानिवत्त एसई के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि इस प्रोजेक्ट में आरओबी के त्रुटिपूर्ण डिज़ाइन के लिए जिम्मेदार निर्माण एजेंसी और डिज़ाइन कंसलटेंट को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है साथ ही आरओबी में जरूरी सुधार कार्यों के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है समिति द्वारा निर्धारित सुधारों के बाद इस ब्रिज का लोकार्पण किया जाएगा
नीरज मंडलोई ने क्या कहा
अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग नीरज मंडलोई ने कहा कि जिन अफसरों पर कार्यवाही की गई है उनके खिलाफ सोमवार को आरोप तय किए जाएंगे यह प्रोजेक्ट अपने निर्धारित समय से करीब 1 वर्ष देरी से चल रहा है एसबाग आरोपी का निर्माण 21 मई 2022 को शुरू हुआ था और इसे अगस्त 2024 तक पूरा किया जाना था हालांकि जून 2025 तक भी इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका इस ब्रिज की लागत 17 करोड़ 37 लाख बताई गई है इस मामले की जांच पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से करवाई गई थी जांच रिपोर्ट में ब्रिज की डिजाइन को लेकर गंभीर आपत्तियां दर्ज की गई रिपोर्ट के अनुसार इस ब्रिज पर 35 से 40 किमी/ घंटा से अधिक गति से वाहन नहीं चलने चाहिए क्योंकि इससे अधिक स्पीड पर हादसे की आशंका बनी रहती है इसी कारण अब इस ब्रिज को दोबारा डिजाइन करने का निर्णय लिया गया है
सोशल मीडिया पर लोगों ने जताई नाराजगी
इस ब्रिज की 90° की तीव्र टर्निंग को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने नाराजगी जताई और तमाम मीम्स बनाए हैं आमजन का कहना है कि इतने तीव्र मोड़ पर वाहन चलाना खतरनाक हो सकता है और इससे ब्रिज की दीवारें या दूसरे वाहनों से टकराने की आशंका बनी रहेगी जानकारी के मुताबिक रेलवे ने भी ब्रिज के डिजाइन पर पहले ही आपत्ति जताई थी हालांकि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने जगह की कमी का हवाला देते हुए इसे मजबूरी बताया था एस बाग रेलवे क्रॉसिंग के बंद होने के बाद इस क्षेत्र में आरओबी की आवश्यकता थी इसलिए सीमित स्थान में ही इसका निर्माण प्रारंभ कर दिया गया था यह ब्रिज कुल 648 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा है जिसमें से 70 मीटर हिस्सा रेलवे के अंतर्गत आता है निर्माण कार्य 18 महीने में पूरा होना था लेकिन अब तक यह पूरी तरह से पूरा नहीं हो सका है