MP News: देवरी जनपद की ग्राम पंचायत खमरिया के टपरिया टोला में ग्रामीणों ने तीसरी बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। गांव वालों की तबियत बिगड़ने लगी है, लेकिन न प्रशासन को सुध है और न ही किसी जनप्रतिनिधि को फुर्सत कि एक बार आकर हालचाल ही पूछ लें।
तीसरी बार भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण, चार की तबियत बिगड़ी
7 जुलाई से भूख हड़ताल पर बैठे दर्जनों ग्रामीणों में अब तक चार लोगों की तबियत बिगड़ चुकी है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि अभी तक मौके पर न तो कोई जनप्रतिनिधि पहुँचा, न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी। यहाँ तक कि सरपंच तक ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराना जरूरी नहीं समझा।
कीचड़-भरे रास्ते से स्कूल और अस्पताल जाना मजबूरी
ग्रामीणों की मांग सिर्फ एक पक्की सड़क की है, जो जगह-जगह कीचड़ और दलदल के कारण हर बारिश में तालाब बन जाती है। इसी रास्ते से बच्चे स्कूल जाते हैं, बीमारों को अस्पताल पहुँचाया जाता है लेकिन बदहाल सड़क ने पूरे गांव को परेशानी में डाल रखा है। तीन साल से आवेदन, दो बार भूख हड़ताल और नेताओं के खोखले आश्वासन यही ग्रामीणों को अब तक मिला है।
ग्रामीणों की मांग
इस बार ग्रामीणों ने साफ कर दिया है जब तक कलेक्टर खुद मौके पर आकर हालात नहीं देखेंगे और उनकी आँखों के सामने सड़क का काम शुरू नहीं होगा, तब तक भूख हड़ताल खत्म नहीं होगी।
सड़क के लिए जान जोखिम में
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की बेरुखी पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं – क्या बुनियादी सड़क जैसी जरूरी सुविधा के लिए जान जोखिम में डालना जरूरी है? क्या जिम्मेदारों को ग्रामीणों की बिगड़ती तबियत भी नजर नहीं आ रही?
ग्रामीणों की आर पार की लड़ाई
गांव वाले अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। सवाल यह है कि कब जागेगा प्रशासन और कब आएंगे वो नेता, जो वोट मांगने तो हर दरवाजे पहुँच जाते हैं लेकिन आज जब तबियत बिगड़ी है, कोई साथ खड़ा नहीं दिख रहा!









