MP News: बड़नगर बड़नगर तहसील में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीते दिनों समाजसेवी नारायण यादव पर टिप्पणी करना भारी पड़ गया। मजाकिया अंदाज में पटवारी ने कहा कि भोलेनाथ की नगरी में नारायण टैक्स चल रहा है। इतना ही नहीं पटवारी ने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह ठेकेदारी कर रहा हो या शराब का व्यवसाय सभी को नारायण टैक्स देना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंहस्थ को देखते हुए जो लोग होटल व्यवसाय का कार्य कर रहे हैं या होटल बनाने जा रहे हैं उन्हें भी 20% नारायण टैक्स के रूप में अदा करना पड़ रहा है।
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि इंदौर में भी नारायण टैक्स की हवा आ रही है वहां एक दयालु बाबा है पहले उनका टैक्स लगता था अब इन नारायण भैया ने खुद का नाम दयालु बाबा रख लिया है। मंच पर उपस्थित चेतन को संबोधित करते उन्होंने कहा कि एक बार दयालू था जिसके साथ हिस्ट्रीशीटर के नाम आते हैं और एक नारायण टैक्स वाले उज्जैन के दयालु है जो जब तक मोहन भैया को कुर्सी से नहीं हटा लेंगे दम नहीं लेंगे।
आपको बता दें की जिन नारायण यादव की जीतू पटवारी बात कर रहे हैं वे एक समाजसेवी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के बड़े भाई भी हैं वही इस पूरे मामले में उन्होंने अपने सीनियर एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा के माध्यम से एक 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को भेजा है। नोटिस के माध्यम से समाजसेवी नारायण यादव के एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा ने स्पष्ट लिखा है कि आपके इस कृत्य से मेरे पक्षकार को काफी हानि पहुंची है उनके पास लगातार प्रदेश भर से फोन आ रहे हैं जो की पीड़ा दायक है। नोटिस में साफ कहा गया कि आप स्वयं जो की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर आसीन है उसके बावजूद आपने मेरे पक्षकार को टैक्स उगाई करने वाले व्यक्ति के रूप में भरी सभा में प्रचारित किया।
आपके कृत्य से आपकी अपराधिक मनोदशा इंगित हो रही है। आप यह जानते थे कि जो कृत्य आप कर रहे हैं वह भारतीय न्याय संहिता की धारा 356 के अंतर्गत आता है जो की एक दंडनीय अपराध है। नोटिस में स्पष्ट स्पष्ट लिखा गया कि जो अपराध आपने किया है उसके लिए मेरा पक्षकार सक्षम न्यायालय में उचित कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है , साथ ही सार्वजनिक रूप से की गई ठीक टीका टिप्पणी, मानहानि कारक शब्दों के उच्चारण, सोशल साइट पर प्रशासन के लिए मेरे पक्षकार को तत्काल 10 करोड रुपए की राशि अदा की जाए। साथी सूचना पत्र का व्यय भी पृथक से एक लाख रुपये अदा करना उचित होगा।