PM Dhandhanya Krishi Yojana: किसान भाई अपनी 20वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं, वहीं अब केंद्र सरकार ने एक और बड़ी योजना का ऐलान कर दिया है। नाम है प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना।
क्या है प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी दे दी है। इस योजना का ऐलान सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। सरकार का दावा है कि इस योजना से करीब 1.7 करोड़ किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा।
क्यों शुरू की गई यह योजना
जिलों को किस तरह से सभी बाकी जिलों के बराबर लाया जाए, इस सफलता को ध्यान में रखते हुए 100 ऐसे जिले चुने गए हैं। हर राज्य से कम से कम एक जिला जिसमें कृषि तीन पैमानों पर बाकी जिलों से पीछे हो, उन्हें इस योजना में शामिल किया गया है।
11 मंत्रालयों की 36 स्कीम्स का होगा एकीकरण
ऐसे 100 जिलों में 11 मंत्रालयों की 36 स्कीम्स को मिलाकर एक इंटीग्रेटेड तरीके से कृषि का विकास किया जाएगा। यह प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य है।
योजना की मुख्य बातें
- पहले चरण में देश के 100 जिलों में लागू
- 6 साल तक चलेगी योजना
- हर साल ₹24,000 करोड़ खर्च होंगे
- 36 कृषि योजनाओं का विलय कर एकीकृत कार्यक्रम बनाया गया
किसानों को क्या-क्या लाभ मिलेंगे
- फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाई जाएगी
- सिंचाई सुविधा और सुधार, कृषि उत्पादकता में वृद्धि
- फाइनेंशियल सपोर्ट, आधुनिक मशीनरी और तकनीक
- बाजार तक सीधी पहुंच के लिए आर्थिक सहायता
स्टोरेज और कीमत की समस्या होगी दूर
भारत में धान और अन्य फसलों की पैदावार अच्छी होती है, लेकिन स्टोरेज की कमी और मार्केटिंग की समस्या किसानों के लिए बड़ी चुनौती है। यह योजना इन समस्याओं को दूर करने की कोशिश करेगी।
- पीएम किसान योजना और पीएम धनधान्य योजना में फर्क क्या है?
- पीएम किसान योजना में किसानों को सीधे पैसे ट्रांसफर होते हैं
- पीएम धनधान्य कृषि योजना में किसानों को भंडारण, सिंचाई, मार्केटिंग और तकनीक से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेंगे
किन किसानों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
इस योजना से छोटे और मध्यम किसान, धान और अनाज उगाने वाले किसान और उन राज्यों के किसान लाभान्वित होंगे, जहां कृषि पर ज्यादा निर्भरता है जैसे बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल।
योजना कब से होगी लागू
सरकार ने योजना को मंजूरी दे दी है। उम्मीद की जा रही है कि अगस्त-सितंबर 2025 से इसे राज्यों में लागू किया जाएगा।किसान भाइयों को सलाह है कि कृषि विभाग की वेबसाइट पर नजर रखें ताकि जैसे ही आवेदन प्रक्रिया शुरू हो, वो इसका फायदा उठा सकें।