क्या मध्य प्रदेश के 7000 किसानों को इस बार किसान सम्मान निधि की राशि नहीं मिलेगी? यह सवाल इसलिए खड़े हो रहा है क्योंकि ऐसे किसान जिन्होंने सरकार की तरफ से प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद नरवाई चलाई। उन किसानों के सामने अब संकट खड़ा हो सकता है। हालांकि इस पर कोई अधिकृत फैसला अब तक नहीं लिया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि मई के महीने में नरवाई जलाने के जो मामले सामने आते हैं और इससे जो जमीन को नुकसान होता है और पर्यावरण को नुकसान होता है उसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एक फैसला किया था।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की बैठक में अहम फैसला
दरअसल मुख्यमंत्री मोहन यादव की एक बैठक के दौरान इस बात का फैसला लिया गया था कि नरवाई जलाने वाले किसानों को मध्य प्रदेश सरकार का जो हिस्सा होता है यानी करीब ₹6000 जो किसान सम्मान निधि के होते हैं वह नहीं दिए जाएंगे। इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि वह एमएसपी पे अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे। ऐसे किसानों को चिन्हित किया जाएगा जो प्रतिबंध के बावजूद नरवाई जलाते हैं। इसके बाद पूरे प्रदेश में एक मुहिम चलाई गई थी। किसानों की पहचान की गई जिन्होंने नरवाई चलाई और ऐसे पूरे प्रदेश में 600 से ज्यादा किसान हैं जिन पे अलग-अलग जगहों पर एफआईआर दर्ज की गई। इनमें अगर देखा जाए तो रायसेन जिला शामिल है। नर्मदापुरम है, ग्वालियर चंबल संभाग के जिले शामिल हैं। मालवा के कई इलाके शामिल है। उज्जैन हो, आ मालवा हो यहां पे भी कई जगहों पर नरवाई जलाने के मामले सामने आए इंदौर जिला हो, निमाड़ के कई जिले हो जिनमें खंडवा है, बुरहानपुर है, बड़वानी है। यहां पर भी यह देखा गया था कि नरवाई जलाने के मामले बड़ी संख्या में सामने आए थे और ऐसे करीब 604 किसान हैं जिन पे सरकार जो पुलिस है उसने स्थानीय प्रशासन ने एफआईआर भी दर्ज की थी। कई किसान ऐसे हैं करीब मध्य प्रदेश में 7000 किसान ऐसे हैं जानकारी के मुताबिक जिनसे सरकार ने बकायदा नरवाई जलाने के मामले में जुर्माना भी वसूला है। जुर्माने की यह रकम करीब ₹.5 करोड़ से ज्यादा है। और इसीलिए अब इन 7000 किसानों के ऊपर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या इन्हें किसान सम्मान सम्मान निधि के पैसे इस बार मिलेंगे या नहीं क्योंकि सरकार तो पहले ही इसकी सूचना सार्वजनिक कर चुकी थी कि नरवाई जलाने पे एमएसपी पे किसान अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे और उन्हें किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं दिया जाएगा।
इन किसानों को नहीं मिलेगा किस्त का पैसा
अब यह सवाल उठ रहे हैं कि अगली किस्त जो किसान सम्मान निधि की जारी होने वाली है उसमें इन किसानों का नाम रहेगा या नहीं। इस पर अभी संशय के बादल बने हुए हैं। क्योंकि सरकार पहले कह तो चुकी है कि इन्हें रकम नहीं दी जाएगी किसान सम्मान निधि की लेकिन अब तक क्योंकि इस पर कोई अधिकृत फैसला या आदेश नहीं आया है इसलिए फिलहाल शंका के बादल मंडरा रहे हैं। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार किसान सम्मान निधि में ₹6000 अपनी तरफ से देती है और इसके बाद किसान सम्मान निधि जो कि सालान साल में एक बार मिलती है वह बढ़कर ₹12,000 हो जाती है। ₹6000 इसमें से केंद्र सरकार के होते हैं। ₹6000 राज्य सरकार देती है। और ऐसे में मध्य प्रदेश के किसानों को साल में एक बार किसान सम्मान निधि के तौर पे ₹12,000 दिए जाते हैं। अब पेच यह भी है कि क्योंकि यह केंद्र सरकार की योजना है तो क्या मध्य प्रदेश सरकार इसमें अपनी तरफ से कोई अलग से आदेश दे सकती है? इस पर पेच फंसा हुआ है। दूसरी तरफ यह भी बात निकल के सामने आ रही है कि केंद्र सरकार की तरफ से जो ₹6000 मिलते हैं उस पर मध्य प्रदेश सरकार कोई आदेश नहीं लेगी। लेकिन जो मध्य प्रदेश सरकार अपनी तरफ से ₹6000 अतिरिक्त देती हैउस पर वो फैसला ले सकती है और माना यह जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो सिर्फ इन 7000 किसानों को ₹6000 की ही जो राशि है वो मिल पाएगी। बाकी ₹6000 जो मध्य प्रदेश से सरकार देती है वो उन्हें नहीं देगी। ऐसे में अभी पेच फंसा हुआ है। लेकिन इन 7000 किसानों के जिनके ऊपर नरवाई जलाने के ना केवल मामले दर्ज हैं बल्कि इनसे जुर्माना भी वसूला गया है। इनके सामने जरूर जो किसान सम्मान निधि है उसकी राशि को लेकर के संकट बना हुआ है।